पिशाचिनी साधना की बातें Rudra Nath → पिशाचिनी साधना — जो लोग नहीं बताते, रुद्र नाथ खुलकर बोले

पिशाचिनी साधना की बातें Rudra Nath

पिशाचिनी साधना की बातें Rudra Nath तांत्रिक जगत की सबसे रहस्यमय और विवादास्पद साधनाओं में से एक है। यह एक ऐसा विषय है जिस पर अधिकतर लोग खुलकर बात करने से हिचकते हैं। परंतु आध्यात्मिक गुरु रुद्र नाथ जी ने इस रहस्यमय साधना के सभी पहलुओं को उजागर किया है। उनके अनुसार, पिशाचिनीका साधना न केवल शक्ति प्राप्ति का साधन है, बल्कि यह एक द्विपक्षीय तलवार है जो गलत हाथों में पड़कर विनाशकारी हो सकती है।

पिशाचिनी साधना का वास्तविक स्वरूप – रुद्र नाथ की दृष्टि में

पिशाचिनी का वास्तविक अर्थ

रुद्र नाथ जी के अनुसार, पिशाचिनीका शब्द सुनते ही लोगों के मन में भय और घृणा की भावना आती है। परंतु वास्तविकता यह है कि पिशाचिनी भी काली शक्तियों के अंतर्गत आती है। “पिशाच” योनि से संबंधित होने के कारण इसे पिशाचिनी कहा जाता है। ये वे आत्माएं हैं जो मृत्यु के बाद मुक्ति प्राप्त नहीं कर सकीं और विशेष शक्तियों से संपन्न हो गईं।

कर्ण पिशाचिनी साधना की विशेषता

कर्ण पिशाचिनी साधना में साधक के कान में पिशाचिनी आकर भूत, भविष्य और वर्तमान की जानकारी देती है। इसीलिए इसे “कर्ण पिशाचिकानी” कहा जाता है। यह साधना त्रिकालदर्शी बनने का एक माध्यम है, जिससे साधक किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी प्राप्त कर सकता है।

पिशाचिनी साधना के प्रकार और विधियां

मुख्य पिशाचिनी साधनाएं

रुद्र नाथ जी बताते हैं कि पिशाचिनीका साधना के कई प्रकार हैं:

  • कर्ण पिशाचिनी साधना – सबसे प्रसिद्ध और शक्तिशाली
  • स्वर्ण पिशाचिनीका साधना – धन और भोग प्राप्ति के लिए
  • काम पिशाचिनीका साधना – कामनाओं की पूर्ति हेतु
  • कपालिनी देवी साधना – अत्यंत उग्र और खतरनाक

साधना की मूलभूत विधि

कर्ण पिशाचिनी साधना विधि:

प्रथम विधि (11 दिन की साधना):

  • काले वस्त्र धारण करना आवश्यक
  • कांसे की थाली में सिंदूर से त्रिशूल बनाना
  • शुद्ध घी और तेल के दीपक जलाना
  • प्रतिदिन 1100 बार मंत्र जाप करना

मंत्र: “ॐ नम: कर्णपिकाशाचिनी अमोघ सत्यवादिनि मम कर्णे अवतरावतर अतीतानागतवर्तमानानि दर्शय दर्शय मम भविष्य कथय-कथय ह्यीं कर्ण पिशाचिनी स्वाहा”

द्वितीय विधि (21 दिन की साधना):

  • होली, दीपावली या ग्रहण के दिन से शुरुआत
  • आम की लकड़ी के तख्त पर अनार की कलम से मंत्र लिखना
  • 108 बार लिखकर मिटाना और 1100 बार मंत्र जाप

रुद्र नाथ द्वारा बताए गए छुपे हुए रहस्य

पिशाचिनी साधना के फायदे

रुद्र नाथ जी के अनुसार, जब यह साधना सफल हो जाती है तो:

  • साधक त्रिकालदर्शी बन जाता है
  • किसी भी व्यक्ति की गुप्त जानकारी मिल जाती है
  • भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्व ज्ञान हो जाता है
  • आर्थिक समस्याओं का समाधान मिलता है
  • शत्रुओं से सुरक्षा प्राप्त होती है

स्वर्ण पिशाचिनी से विशेष लाभ

स्वर्ण पिशाचिनी साधना में सफल साधक को धन की प्राप्ति होती है। यह पिशाचिनीका सोने के रंग की होती है और अपने साधक को धन कमाने के नए मार्ग दिखाती है। परंतु रुद्र नाथ जी चेतावनी देते हैं कि गलत तरीकों से धन कमाने का सुझाव देने पर इससे बचना चाहिए।

पिशाचिनी साधना के भयावह नुकसान और खतरे

मंत्र सिद्धि के उपाय Rudra Nath
मंत्र सिद्धि के उपाय Rudra Nath

मानसिक और शारीरिक प्रभाव

रुद्र नाथ जी स्पष्ट करते हैं कि पिशाचिनीका साधना के गंभीर दुष्परिणाम हो सकते हैं:

  • मानसिक विकार: साधक का मानसिक संतुलन बिगड़ सकता है
  • व्यसन की लत: शराब और अन्य व्यसनों की लत लग सकती है
  • पारिवारिक कलह: घर में निरंतर झगड़े और समस्याएं
  • स्वास्थ्य समस्याएं: शारीरिक कमजोरी और बीमारियां

मृत्यु के बाद के परिणाम

सबसे भयावह सत्य यह है कि पिशाचिनी साधक की मृत्यु के बाद पिशाचिनीका उसकी आत्मा को अपने साथ ले जाने का प्रयास करती है। यदि साधक के पास गुरु मंत्र या ईष्ट मंत्र नहीं है तो वह पिशाच योनि में फंस सकता है।

एक वास्तविक घटना

एक साधक का अनुभव बताता है कि YouTube देखकर स्वयं साधना करने वाला 27-28 साल का लड़का कर्ण पिशाचिनीका साधना में इतना परेशान हो गया कि उसने अपने प्राण भी त्याग दिए।

गुरु की आवश्यकता और सावधानियां

बिना गुरु के साधना क्यों खतरनाक है

रुद्र नाथ जी बार-बार जोर देते हैं कि पिशाचिनीका साधना कभी भी बिना योग्य गुरु के नहीं करनी चाहिए। इसके कारण हैं:

  • साधना में आने वाली समस्याओं का समाधान केवल अनुभवी गुरु ही कर सकता है
  • गलत विधि से साधना करने पर जानलेवा परिणाम हो सकते हैं
  • पिशाचिनीका साधक को नियंत्रित करने का प्रयास करती है
  • बिना सुरक्षा के साधना करना आत्महत्या के समान है

आवश्यक गुणधर्म

जो व्यक्ति पिशाचिनीका साधना करना चाहता है, उसमें होना चाहिए:

  • अत्यधिक मानसिक बल और स्थिरता
  • निडरता और साहस
  • पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन
  • गुरु में अटूट विश्वास
  • सात्विक जीवनशैली

पिशाचिनी साधना में होने वाले अनुभव

साधना के दौरान घटनाएं

रुद्र नाथ जी बताते हैं कि साधना के दौरान अनेक असामान्य घटनाएं हो सकती हैं:

  • पिशाचिनीका पहले सुंदर रूप में दर्शन देती है
  • फिर भयानक रूप धारण कर साधक को डराने का प्रयास करती है
  • कान में फुसफुसाहट और आवाजें सुनाई देती हैं
  • अजीब सपने और दर्शन आते हैं
  • शरीर में कंपन और बेचैनी होती है

सफलता के संकेत

जब साधना सफल होने लगती है तो:

  • कान में स्पष्ट आवाज सुनाई देने लगती है
  • प्रश्नों के सही उत्तर मिलने लगते हैं
  • भविष्य की घटनाओं का पूर्वाभास होता है
  • अलौकिक शक्तियों का अनुभव होता है

आधुनिक समय में पिशाचिनी साधना की स्थिति

सोशल मीडिया का प्रभाव

रुद्र नाथ जी चेतावनी देते हैं कि आजकल YouTube और इंटरनेट पर मिली जानकारी के आधार पर लोग स्वयं ये साधनाएं करने का प्रयास कर रहे हैं, जो अत्यंत खतरनाक है। बिना उचित मार्गदर्शन के इन साधनाओं को करना जीवन के लिए घातक हो सकता है।

वास्तविकता बनाम भ्रम

कई लोग पिशाचिनीका साधना को फिल्मों और किताबों के आधार पर समझते हैं, जो पूर्णतः गलत है। रुद्र नाथ जी स्पष्ट करते हैं कि यह कोई मनोरंजन की चीज नहीं है, बल्कि एक गंभीर तांत्रिक प्रक्रिया है जिसके गहरे परिणाम होते हैं।

पिशाचिनी साधना से मुक्ति के उपाय

गुरु मंत्र की शक्ति

यदि कोई व्यक्ति पिशाचिनीका साधना के नकारात्मक प्रभाव में फंस गया है तो रुद्र नाथ जी के अनुसार गुरु मंत्र ही एकमात्र उपाय है। गुरु मंत्र की शक्ति से पिशाचिनी का प्रभाव समाप्त हो सकता है और साधक को मुक्ति मिल सकती है।

हनुमान जी की शरणागति

रुद्र नाथ जी बताते हैं कि जहां हनुमान जी की नियमित आरती और पूजा होती है, वहां पिशाचिनीका और अन्य नकारात्मक शक्तियां नहीं टिक सकतीं। हनुमान जी की भक्ति इन सभी से सुरक्षा प्रदान करती है।

डाकिनी और पिशाचिनी में अंतर

रुद्र नाथ की व्याख्या

डाकिनी और पिशाचिनी दोनों काली शक्तियां हैं परंतु इनमें मूलभूत अंतर है। डाकिनी माता काली की प्रचंड शक्तियों का प्रतिनिधित्व करती है जबकि पिशाचिनीका मृत आत्माओं से संबंधित है। डाकिनी की दो श्रेणियां हैं – स्थूल और सूक्ष्म, जबकि पिशाचिनी केवल प्रेत योनि से जुड़ी होती है।

प्रायः पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या पिशाचिनी साधना वास्तव में सफल होती है?
जी हां, यदि उचित विधि और योग्य गुरु के मार्गदर्शन में की जाए तो यह साधना सफल होती है। परंतु इसके साथ गंभीर जोखिम भी जुड़े हैं।

क्या गृहस्थ व्यक्ति यह साधना कर सकता है?
रुद्र नाथ जी के अनुसार, गृहस्थ लोगों को यह साधना नहीं करनी चाहिए क्योंकि यह साधक के साथ-साथ परिवार के लिए भी हानिकारक हो सकती है। यह केवल त्यागी साधकों के लिए उपयुक्त है।

क्या बिना गुरु के यह साधना की जा सकती है?
बिल्कुल नहीं। बिना गुरु के पिशाचिनीका साधना करना अत्यंत खतरनाक है। कई लोगों की मृत्यु तक हो चुकी है जिन्होंने स्वयं यह साधना करने का प्रयास किया था।

साधना के दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं?
मानसिक विकार, पारिवारिक कलह, व्यसन की लत, स्वास्थ्य समस्याएं और मृत्यु के बाद पिशाच योनि में फंसने का खतरा है।

पिशाचिनीका साधना से कैसे छुटकारा मिल सकता है?
गुरु मंत्र का जाप, हनुमान जी की भक्ति, और किसी सिद्ध संत की शरणागति ही इससे मुक्ति दिला सकती है।

पिशाचिनी साधना की बातें Rudra Nath

क्या यह साधना धन दिला सकती है?
स्वर्ण पिशाचिनीका साधना से धन मिल सकता है परंतु यह हमेशा वैध तरीकों से नहीं होता। कभी-कभी यह अवैध मार्गों का सुझाव देती है जिससे बचना चाहिए।

साधना की अवधि कितनी होती है?
विभिन्न विधियों के अनुसार 11 दिन से 41 दिन तक की अवधि हो सकती है। कुछ विधियों में 21 दिन भी लगते हैं।

पिशाचिनीका साधना तांत्रिक जगत की एक शक्तिशाली किंतु अत्यंत जोखिम भरी साधना है। रुद्र नाथ जी की शिक्षाओं से स्पष्ट होता है कि यह साधना केवल अनुभवी गुरु की देखरेख में, पूर्ण सावधानी के साथ, और उचित उद्देश्य से ही करनी चाहिए। आम लोगों को इससे दूर रहना ही बेहतर है क्योंकि इसके दुष्परिणाम जीवन भर और मृत्यु के बाद भी भुगतने पड़ सकते हैं। सच्ची आध्यात्मिकता सात्विक मार्ग से ही प्राप्त होती है, तामसिक साधनाओं से नहीं। यदि आप आध्यात्मिक उन्नति चाहते हैं तो गुरु की शरण में जाकर सात्विक साधना करना ही श्रेष्ठ मार्ग है।

Post Comment

अघोरी रहस्य Rudra Nath